‘नया दौर’ और 1957 का साल

'नया दौर' के तेवर और उसकी बहुआयामी राजनीति उन समझदारियों को ख़ारिज़ करते हैं, जिनका मानना है कि मेलोड्रामाई पॉपुलर सिनेमा अराजनीतिक होता है और पारंपरिक मूल्यों को अपने स्टिरीयो-टाइप फॉर्मूले में ढोता है.

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