अनुराग कश्यप की हालिया फ़िल्म ‘चोक्ड’ के साथ ‘गुलाबो सिताबो’ को रखकर देखें, तो यही लगता है कि हमारे दौर की विडंबनाओं को कथा में कहना अब लगातार मुश्किल होता जा रहा है.
अनुराग कश्यप की हालिया फ़िल्म ‘चोक्ड’ के साथ ‘गुलाबो सिताबो’ को रखकर देखें, तो यही लगता है कि हमारे दौर की विडंबनाओं को कथा में कहना अब लगातार मुश्किल होता जा रहा है.