क्योंकि मुझ दमिश्की का पेशा मुहब्बत है…

निज़ार तौफ़ीक़ क़ब्बानी (मार्च 21, 1923 – अप्रैल 30, 1998) एक सीरियाई कूटनीतिक, कवि और प्रकाशक थे. वे समकालीन अरबी कविता के सबसे सम्मानित कवियों में शुमार किए जाते हैं.

राज्य का नैतिक लबादा

सवाल यह है कि सरकार विषमता को रोक नहीं पा रही है या फिर रोकना ही नहीं चाहती है. या, फिर वही इस पूरी प्रक्रिया का प्रबंधन कर रही है या उसने देश की किस्मत वैश्विक और घरेलू कंपनियों के भरोसे छोड़ दिया है?

डॉ सर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर ऐतिहासिक दस्तावेज़ों से कुछ विवरण

उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय पर एक फ़िल्म बनाने की फ़िल्म इंडिया की सलाह और उसके लिए धन जुटाने में मदद पर भी हामी भरी थी.

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